Fundamental analysis | फंडामेंटल एनालिसिस part 3

क्या आप शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं और लंबे समय के लिए लाभ कमाना चाहते हैं? तो फिर आपके लिए फंडामेंटल एनालिसिस (मूलभूत विश्लेषण) सीखना बहुत जरूरी है। फंडामेंटल एनालिसिस किसी कंपनी के स्टॉक के वास्तविक मूल्य का पता लगाने की एक प्रक्रिया है, न कि उसके वर्तमान बाजार मूल्य का। यह विश्लेषण कंपनी की वित्तीय स्थिति, उद्योग की स्थिति, और भविष्य की संभावनाओं जैसे विभिन्न कारकों को ध्यान में रखता है। इस ब्लॉग में, हम आपको फंडामेंटल एनालिसिस के विभिन्न मापदंडों (parameters) के बारे में विस्तार से बताएंगे और यह सिखाएंगे कि इन मापदंडों का उपयोग करके आप किसी भी स्टॉक का मूल्यांकन कैसे कर सकते हैं।




ऋण-से-इक्विटी अनुपात और राजस्व तथा राजस्व वृद्धि: क्या कंपनी वित्तीय रूप से मजबूत है?

शयर बाजार में निवेश करते समय, कंपनी की वित्तीय स्थिति और उसकी वृद्धि क्षमता को समझना महत्वपूर्ण है. इसमें ऋण-से-इक्विटी अनुपात (डी/ई अनुपात) और राजस्व तथा राजस्व वृद्धि दो महत्वपूर्ण संकेतक हैं, जो निवेशकों को इस बारे में जानकारी देते हैं.

ऋण-से-इक्विटी अनुपात (डी/ई अनुपात) क्या है?
डी/ई अनुपात बताता है कि कंपनी अपने ऋण (देनदारियों) को चुकाने के लिए कितना इक्विटी (शेयरधारकों का निवेश) का उपयोग कर रही है. इसे प्रतिशत में व्यक्त किया जाता है.

डी/ई अनुपात की गणना कैसे करें?
डी/ई अनुपात की गणना करने के लिए, कंपनी की कुल देनदारियों को उसके कुल शेयरधारक इक्विटी से भाग देना होता है.
डी/ई अनुपात = कुल देनदारियां / कुल शेयरधारक इक्विटी

उदाहरण:
मान लीजिए कंपनी B की कुल देनदारियां ₹1000 करोड़ हैं और उसका कुल शेयरधारक इक्विटी ₹500 करोड़ है. तो, कंपनी का डी/ई अनुपात होगा:
डी/ई अनुपात = ₹1000 करोड़ / ₹500 करोड़ = 2

डी/ई अनुपात क्यों महत्वपूर्ण है?
डी/ई अनुपात निवेशकों को यह आकलन करने में मदद करता है कि कंपनी कितना कर्जदार है. आम तौर पर, कम डी/ई अनुपात वाली कंपनियां अधिक वित्तीय रूप से मजबूत मानी जाती हैं क्योंकि उन्हें अपने ऋण का बोझ कम होता है.


राजस्व और राजस्व वृद्धि क्या है?

राजस्व कंपनी द्वारा बेचे गए उत्पादों या सेवाओं से प्राप्त कुल आय है. राजस्व वृद्धि यह बताता है कि कंपनी की आय पिछले समय के मुकाबले कितनी बढ़ी है. इसे प्रतिशत में व्यक्त किया जाता है.
राजस्व और राजस्व वृद्धि क्यों महत्वपूर्ण है?

राजस्व और राजस्व वृद्धि निवेशकों को यह आकलन करने में मदद करते हैं कि कंपनी कितनी सफलतापूर्वक बेच रही है और भविष्य में उसकी वृद्धि क्षमता कैसी है. आम तौर पर, उच्च राजस्व और राजस्व वृद्धि वाली कंपनियां निवेशकों को अधिक आकर्षक लगती हैं.

ध्यान देने योग्य बातें:
डी/ई अनुपात और राजस्व तथा राजस्व वृद्धि को अकेले निर्णय लेने के आधार के रूप में नहीं लेना चाहिए. अन्य कारकों, जैसे कंपनी की उद्योग स्थिति, बाजार के रुझान, और प्रबंधन की दक्षता पर भी विचार करना चाहिए.
कम डी/ई अनुपात हमेशा बेहतर नहीं होता है. कभी-कभी कंपनियां कम ऋण लेने से वृद्धि के अवसरों को चूक सकती हैं.
उच्च राजस्व वृद्धि भले ही आकर्षक लगे, लेकिन यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि यह वृद्धि टिकाऊ है और लाभदायक है.

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