ELSS Mutual Funds | What is ELSS tax saving funds and how to invest in hindi
अपने टैक्स का बोझ हल्का करें और अमीरी की सीढ़ियां चढ़ें - ELSS म्यूचुअल फंड्स क्या हैं!
हर साल टैक्स का मौसम आता है और अपनी जेब हल्की कर देता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसी टैक्स सीजन में आप अपने भविष्य की मज़बूती भी बना सकते हैं? ELSS म्यूचुअल फंड्स के ज़रिए आप यही कर सकते हैं! ये फंड आपको टैक्स बचाने के साथ-साथ लंबी अवधि में पैसा बनाने का भी शानदार मौका देते हैं। तो आइए, आज समझते हैं कि ये ELSS म्यूचुअल फंड्स आखिर हैं क्या और वो कैसे आपके बड़े काम आ सकते हैं!
1. ELSS फंड्स क्या हैं?
ELSS का पूरा नाम है इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम. ये खुले अंत वाले म्यूचुअल फंड हैं जो मुख्य रूप से शेयरों और शेयर-संबंधित साधनों में निवेश करते हैं। ये PPF की तरह टैक्स बचाने का विकल्प देते हैं, लेकिन साथ ही शेयर बाजार की वृद्धि का भी लाभ उठाने का मौका देते हैं। हालांकि, इनमें 3 साल का लॉक-इन पीरियड होता है, यानी कि आप 3 साल तक फंड से अपना पैसा वापस नहीं ले सकते।
2. ELSS कैसे काम करते हैं?
जब आप ELSS फंड में निवेश करते हैं, तो आप फंड मैनेजर के हाथों में अपना पैसा सौंपते हैं। वो इस पैसे को विभिन्न कंपनियों के शेयरों में लगाते हैं। अगर कंपनियों का प्रदर्शन अच्छा रहता है, तो शेयरों के दाम बढ़ते हैं और आपको भी मुनाफा होता है। इसके अलावा, ELSS में निवेश करने पर 80C के तहत आपको 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स छूट भी मिलता है।
3. ELSS की खासियतें:
- टैक्स की बचत: जैसा कि बताया, ELSS में निवेश पर 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट मिलती है।
- धन सृजन की क्षमता: शेयर बाजार में निवेश से आपको लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न मिल सकता है।
- पेशेवर प्रबंधन: फंड मैनेजर आपके पैसे का निवेश सावधानी से करते हैं, जिससे आपको खुद शेयर चुनने की झंझट नहीं होती।
- लंबी अवधि का निवेश: 3 साल का लॉक-इन पीरियड आपको जल्दी पैसा निकालने से रोकता है और लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न दिलाता है।
4. आपको ELSS में क्यों निवेश करना चाहिए?
अगर आप इनमें से किसी भी शर्त को पूरा करते हैं, तो ELSS आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है:
- टैक्स बचाना चाहते हैं: अगर आपने 80C की सीमा को पूरा नहीं किया है, तो ELSS आपके टैक्स बोझ को कम करने का शानदार तरीका है।
- लंबी अवधि का निवेश: अगर आप अपने भविष्य के लिए निवेश करना चाहते हैं और आपके पास 3 साल से अधिक का निवेश क्षितिज है, तो ELSS अच्छा विकल्प है।
- शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं: अगर आप शेयर बाजार में सीधे निवेश करने से हिचकते हैं, तो ELSS के ज़रिए आप पेशेवरों के मार्गदर्शन में निवेश कर सकते हैं।
5. ELSS पर टैक्स नियम:
- निवेश पर 1.5 लाख रुपये तक टैक्स छूट।
- लॉक-इन पीरियड के बाद बेचे गए शेयरों पर कैपिटल गेन्स टैक्स लगता है।
- लॉक-इन पीरियड के बाद 1 लाख रुपये से अधिक के मुनाफे पर लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स 10% है।
6. निवेश करने से पहले ध्यान रखें:
- अपना जोखिम उठाने की क्षमता के अनुसार फंड चुनें।
- अलग-अलग फंडों की तुलना करें और उनके ट्रैक रिकॉर्ड
1. जोखिम उठाने की क्षमता: ELSS फंड्स शेयर बाजार से जुड़े होते हैं, इसलिए उनमें कुछ जोखिम ज़रूर होता है। निवेश करने से पहले अपनी जोखिम उठाने की क्षमता को अच्छी तरह से आंकलें। अगर आप ज्यादा जोखिम नहीं उठा सकते, तो ऐसे फंड चुनें जो ज़्यादा स्थिर हों।
2. फंड का ट्रैक रिकॉर्ड: निवेश करने से पहले अलग-अलग फंडों का ट्रैक रिकॉर्ड ज़रूर देखें। ये रिकॉर्ड आपको बताएगा कि पिछले सालों में उस फंड ने कैसा प्रदर्शन किया है।
3. फंड मैनेजर का अनुभव: फंड मैनेजर की योग्यता और अनुभव को भी ध्यान में रखें। अनुभवी और सफल फंड मैनेजर के हवाले में आपका पैसा ज्यादा सुरक्षित रहेगा।
4. फंड की लागत: फंड की एन्जेंस रेशियो को ज़रूर देखें। ये रेशियो आपको बताएगा कि फंड आपके निवेश का कितना हिस्सा अपने खर्चों में लगाता है। कम एन्जेंस रेशियो वाला फंड बेहतर होता है।
5. निवेश की रणनीति: ELSS में एकमुश्त निवेश करने की बजाय SIP (सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के ज़रिए निवेश करना फायदेमंद होता है। इससे बाजार के उतार-चढ़ाव का असर कम होता है और आपको औसत कीमत पर शेयर मिलते हैं।
6. टैक्स नियमों को समझें: ELSS पर लगने वाले टैक्स नियमों को अच्छी तरह समझ लें। लॉक-इन पीरियड के बाद कैपिटल गेन्स टैक्स पर आपको कितना टैक्स देना होगा, ये पहले से जानना ज़रूरी है।
7. वित्तीय सलाहकार से बात करें: अगर आपको निवेश के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, तो किसी वित्तीय सलाहकार से सलाह लेना बेहतर होगा। वो आपकी ज़रूरतों और जोखिम उठाने की क्षमता के हिसाब से आपके लिए सही ELSS फंड चुनने में मदद करेंगे।
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